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शनिवार, 28 अक्टूबर 2017

बेटियों का क़ुसूर !

                         बेटियों का क़ुसूर।                                        इस घटना को पढ़ कर आप भी कहेंगे कि"अगले जनम मोहे बिटियां न कीजो" घटना अमृतसर से सहरसा जा रही जनसेवा एक्सप्रेस में एक बेरहम पिता ने अपनी चार मासूम बेटियों को चलती ट्रेन  से नीचे फेंक दिया।   
            
                                                                                                                                                                घटना मंगलवार प्रातः की है जिसमें छः वर्षीय बालिका का शव ट्रैक के किनारे जबकि दो मासूम बालिकाएं रेलवे ट्रैक पर घायल मिली और एक बच्ची अगले दिन बुधवार को मिली जिसे केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर फेजा गया।
दो मासूम जो गंभीर रूप से घायल थी लेकिन इन घावों पर भारी थी भूख की पीड़ा जब लोग उनके पास पहुुंचे तो उन्होंने
खाने को मांगा यह देख सभी असहज थे
आख़िर बच्चियां कितने दिनों से भूखी है कि घाव का दर्द भी फीका पड़ गया कहीं घटना के पीछे तो भूख जिम्मेदार तो नही यह तो बेरहम अपनो के तलाश के बाद ही पता चलेगा।
आइये अब बात करते है कि जहाँ चारों तरफ बेटी बचाओ के  नारो के बीच यह घटना शर्मसार कर देंने वाली है एक अभिभावक की अपनी बेटियों के प्रति इतना निर्दयी हो सकना विश्वास नही होता।
बेटियां टूटे-फूटे शब्दों में बता रही है कि पिता ने ही बाहर फेका पर मौक़े पर माँ व मामा की भी मौजूदगी हैरान कर देने वाली है।



सच तो यही है कि सरकार कितने भी अभियान चला ले 'समाज मे बेटियों को अब भी बोझ माना जाता है'

इस से यही पता चलता है कि सोच में परिवर्तन की रफ्तार बहुत ही मंद है लोग बदलने को तैयार नही वरना क्या वज़ह है कि ट्रेन से फेंकी गई सब की सब बेटियां ही हैं।
इस हृदय विदारक घटना के पीछे जो भी हो उसे सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिये ताकि औरों को सबक मिल सके।
       
                                                                       धन्यवाद

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