नशा
देश व्यापी समस्या
आज इस वर्ष के पहले दिन को हम अपने जीवन में नई सोच,जोश और ऊर्जा के साथ शुरू करते है आईये इसी सकारात्मक सोच के साथ हम संकल्प करें कि हम नशा को पनपने से रोकेंगे हमारी ये पहल अगर एक को भी रोक देती है तो हम और आप यही समझेगे कि हमने एक जीवन को नर्क होने से बच लिया ।
आज नशा हमारे युवाओं-किशोरों को जड़ से खोखला कर रही है।
भारत मे पैसा नहीं होने के कारण पढ़ाई छोड़ने वाले बहुत मिल जायेंगे..
पर पैसा नहीं होने के कारण दारू,जुआ,गांजा, गुटका, तम्बाकू छोड़ने वाला कोई नहीं मिलेगा।
नशा एक समस्या -
आज नशा हर वर्ग के लोगों के भीतर घर करता जा रहा है सबसे दुःख की बात है कि भारत की युवा पीढ़ी तेजी से नशे शराब-ड्रग्स के दलदल में जा रही हैं नशा समाज पर भारी बोझ डाल रहा है और इसके उपयोग से देश के किशोरों-युवाओं सहित एक बड़ी जनसंख्या जोख़िम में है नशा युवाओं और किशोरों के लिए अभिशाप है।
नशा का कारण -
उम्मीद न कोई आशा है अब चारों और निराश है बर्बाद तुम्हे ये कर देगा नशे की यही परिभाषा है।
भारत मे शराब ड्रग्स की आसानी से उपलब्धता कदम-कदम पर ठेके और अवैध नशे की उपलब्धता,आज के युग में मानसिक तनाव अवसाद भी किशोरों-युवाओं को नशे में ढकेल रहा है।
किशोरों युवाओं में नया प्रयोग दोस्तों का साथ देना,ख़ुशी-स्फूर्ति और रोमांच मजे के लिए भी अब तो लोग शादी जैसे समारोह में भी मजे व उत्साह के नाम पर शराब का सेवन कर रहें हैं।
बड़े दुःख और आश्चर्य की बात है कि समाज,सरकार एवं प्रशासन इन गम्भीर समस्या से अवगत होते हुए भी अत्यधिक आर्थिक आय के लोभ के कारण बढ़ावा दे रहीं है।
नशा व अपराध जुड़वाँ बहने है -
नशा व अपराध के आंकड़े हमें यह कहने पर मजबूर ही करते है कि दोनों जुड़वाँ बहने है।
भारत में शराब की वार्षिक ख़पत लगभग 5.38 बिलियन लीटर और 2020 तक बढ़कर यह 6.53 बिलियन हो जाएगी।
मणिपुर, मिजोरम, पंजाब,उत्तर प्रदेश आदि में बड़ी मात्रा में ड्रग्स ज़ब्त हो रही है भारत मे लगभग 8 करोड़ लोग ड्रग्स ले रहे है और तो और युवा और किशोर तो बढ़-चढ़ कर।
जैसे-जैसे समाज में शराब और ड्रग्स की ख़पत बढ़ती जा रही है वैसे अपराध की दर भी बढ़ती जा रही है
आज इस वर्ष के पहले दिन को हम अपने जीवन में नई सोच,जोश और ऊर्जा के साथ शुरू करते है आईये इसी सकारात्मक सोच के साथ हम संकल्प करें कि हम नशा को पनपने से रोकेंगे हमारी ये पहल अगर एक को भी रोक देती है तो हम और आप यही समझेगे कि हमने एक जीवन को नर्क होने से बच लिया ।
आज नशा हमारे युवाओं-किशोरों को जड़ से खोखला कर रही है।
भारत मे पैसा नहीं होने के कारण पढ़ाई छोड़ने वाले बहुत मिल जायेंगे..
पर पैसा नहीं होने के कारण दारू,जुआ,गांजा, गुटका, तम्बाकू छोड़ने वाला कोई नहीं मिलेगा।
नशा एक समस्या -
आज नशा हर वर्ग के लोगों के भीतर घर करता जा रहा है सबसे दुःख की बात है कि भारत की युवा पीढ़ी तेजी से नशे शराब-ड्रग्स के दलदल में जा रही हैं नशा समाज पर भारी बोझ डाल रहा है और इसके उपयोग से देश के किशोरों-युवाओं सहित एक बड़ी जनसंख्या जोख़िम में है नशा युवाओं और किशोरों के लिए अभिशाप है।
नशा का कारण -
उम्मीद न कोई आशा है अब चारों और निराश है बर्बाद तुम्हे ये कर देगा नशे की यही परिभाषा है।
भारत मे शराब ड्रग्स की आसानी से उपलब्धता कदम-कदम पर ठेके और अवैध नशे की उपलब्धता,आज के युग में मानसिक तनाव अवसाद भी किशोरों-युवाओं को नशे में ढकेल रहा है।
किशोरों युवाओं में नया प्रयोग दोस्तों का साथ देना,ख़ुशी-स्फूर्ति और रोमांच मजे के लिए भी अब तो लोग शादी जैसे समारोह में भी मजे व उत्साह के नाम पर शराब का सेवन कर रहें हैं।
बड़े दुःख और आश्चर्य की बात है कि समाज,सरकार एवं प्रशासन इन गम्भीर समस्या से अवगत होते हुए भी अत्यधिक आर्थिक आय के लोभ के कारण बढ़ावा दे रहीं है।
नशा व अपराध जुड़वाँ बहने है -
नशा व अपराध के आंकड़े हमें यह कहने पर मजबूर ही करते है कि दोनों जुड़वाँ बहने है।
भारत में शराब की वार्षिक ख़पत लगभग 5.38 बिलियन लीटर और 2020 तक बढ़कर यह 6.53 बिलियन हो जाएगी।
मणिपुर, मिजोरम, पंजाब,उत्तर प्रदेश आदि में बड़ी मात्रा में ड्रग्स ज़ब्त हो रही है भारत मे लगभग 8 करोड़ लोग ड्रग्स ले रहे है और तो और युवा और किशोर तो बढ़-चढ़ कर।
जैसे-जैसे समाज में शराब और ड्रग्स की ख़पत बढ़ती जा रही है वैसे अपराध की दर भी बढ़ती जा रही है
लगभग 80%बाल अपराधी शराब ड्रग्स का दुरुपयोग करते है एक रिपोर्ट के अनुसार लगभग 49%अपराधी उनकी गिरफ्तारी के समय शराब पिये होते है शराब हिंसक अपराधों,हत्या,बलात्कार,यौन उत्पीड़न, हमला बच्चों आदि के निकटता से जुड़ा हुआ पाया गया है नशे में ड्राविंग के लिए सलाना लाखों लोग गिरफ्तार किये जाते है बलात्कार और यौन उत्पीड़न में 95% हमलावर शिकार जान कर होते है।
घरेलू हिंसा के मामलों में 55% शराब और 9%मादक पदार्थों का सेवन किये होते है नशा प्रत्येक अपराध को जन्म देता है लगभग सभी छोटे-बड़े अपराध में इसका 78% सेवन होता है बालात्कार जैसे गंभीर अपराधों में इसका 87% तक सेवन होता है।
2015 नारकोटिक्स ड्रग्स एक्ट (NDPS) के तहत 50796 और 2014 में 43290 केस दर्ज किये गये जिसमे सबसे अधिक पंजाब 16821,उत्तर प्रदेश 6180,महाराष्ट्र 5989,तमिलनाडु 1821,राजस्थान 1337,मध्य प्रदेश 1027 और सबसे कम गुजरात73, गोवा 61,सिक्किम 10 केस दर्ज है।
घरेलू हिंसा के मामलों में 55% शराब और 9%मादक पदार्थों का सेवन किये होते है नशा प्रत्येक अपराध को जन्म देता है लगभग सभी छोटे-बड़े अपराध में इसका 78% सेवन होता है बालात्कार जैसे गंभीर अपराधों में इसका 87% तक सेवन होता है।
2015 नारकोटिक्स ड्रग्स एक्ट (NDPS) के तहत 50796 और 2014 में 43290 केस दर्ज किये गये जिसमे सबसे अधिक पंजाब 16821,उत्तर प्रदेश 6180,महाराष्ट्र 5989,तमिलनाडु 1821,राजस्थान 1337,मध्य प्रदेश 1027 और सबसे कम गुजरात73, गोवा 61,सिक्किम 10 केस दर्ज है।
समाधान -
नशा केवल एक व्यक्ति नही अपितु उसका परिवार या कहे हो पूरा समाज ही प्रभावित होता है इस के लिये हमें स्वयं जागरूकता दिखाकर इस दलदल में फंसे लोगों को निकलने का प्रयास करना चाहिए।
तो आइये आज नव वर्ष के इस शुभ दिन को 'अपने स्वच्छ भारत के संकल्प के साथ -साथ नशा मुक्त भारत बनाने का भी संकल्प ले'
धन्यवाद
नशा केवल एक व्यक्ति नही अपितु उसका परिवार या कहे हो पूरा समाज ही प्रभावित होता है इस के लिये हमें स्वयं जागरूकता दिखाकर इस दलदल में फंसे लोगों को निकलने का प्रयास करना चाहिए।
तो आइये आज नव वर्ष के इस शुभ दिन को 'अपने स्वच्छ भारत के संकल्प के साथ -साथ नशा मुक्त भारत बनाने का भी संकल्प ले'
धन्यवाद
Good Article.. Keep Going on..
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