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रविवार, 16 सितंबर 2018

साथी हाथ बढ़ाना।



साथी हाथ बढ़ाना, एक अकेला थक जाएगा मिल कर बोझ उठाना साथी हाथ बढ़ाना.........
इन पंक्तियों में एक प्रकार की एकता स्पष्ट झलकती दिखती है चाहे वह किसी भी क्षेत्र में क्यों न हो।
मैं बात स्वच्छता की कर रहा हूं ।
इस से पहले मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं किसी भी राजनीतिक दल से नहीं हूं और अब आगे........
मैं पहले तो उस व्यक्ति विशेष को धन्यवाद देना चाहता हूं जिसने इस अभियान को देशव्यापी बनाया और तो और यह बात किसी एक व्यक्ति के लाभ व स्वार्थ के लिए नही बल्कि पूरे देश के स्वास्थ और जीवन को बेहतर बनाने की लिए की जा रही है।
आज से ही मुझे,आपको, बल्कि हम सभी को मिलकर सिर्फ अपने आस-पास के इलाके को स्वच्छ करना होगा, और दूसरों को भी जागृत करना होगा।
जैसा कि मेरी पहली पंक्ति में ही यह स्पष्ट है कि सबको एक साथ आना होगा तभी हम परिणाम को भी बखूबी देख पाएंगे।
इस विषय पर जितना भी लिखे कम ही है क्योंकि बात लिखने से नही करने से बनेंगी।
इसलिए सिर्फ एक अपील भारत का एक नागरिक होने के नाते,भारत को स्वच्छ बनाने के लिए,
मुझे विश्वास है,की आप लोग इस संदेश को अन्य लोगों तक पहुचायेंगे और स्वच्छता से जुड़े अपने अनुभव व चित्र फेसबुक व व्हाट्सएप पर सबके साथ साझा करेंगे।
            धन्यवाद

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